Name of Article | TMBU UG and PG Admission 2025 : नामांकन में देरी का कारण और समाधान |
Name of University | Tilka Manjhi Bhagalpur University (TMBU) |
Admission Session | TMBU Admission Session 2025-29 (स्नातक) और 2025-27 (पीजी) |
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) में शैक्षणिक सत्र 2025-29 (स्नातक) और 2025-27 (पीजी) के लिए प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत में देरी ने छात्रों और अभिभावकों के बीच चिंता पैदा कर दी है। विश्वविद्यालय की लगभग 79 हजार सीटों पर नामांकन प्रक्रिया अटक गई है, और इसका प्रमुख कारण है कंप्यूटर एजेंसी का चयन न हो पाना। इस ब्लॉग पोस्ट में हम इस मुद्दे की गहराई से पड़ताल करेंगे, इसके कारणों, प्रभावों, और संभावित समाधानों पर चर्चा करेंगे, साथ ही टीएमबीयू के प्रवेश प्रक्रिया के इतिहास और वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करेंगे। टीएमबीयू यूजी और पीजी प्रवेश 2025 से संबंधित सभी जानकारी इस लेख में शामिल की गई है, जो छात्रों और अभिभावकों के लिए उपयोगी साबित होगी।
TMBU में नामांकन प्रक्रिया: एक अवलोकन
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय बिहार के प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक है, जो स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) स्तर पर विभिन्न पाठ्यक्रम प्रदान करता है। स्नातक स्तर पर बीए, बीएससी, और बीकॉम जैसे पारंपरिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ कई व्यावसायिक कोर्स भी उपलब्ध हैं। पीजी स्तर पर एमए, एमएससी, एमकॉम और अन्य विशेष पाठ्यक्रमों में प्रवेश की सुविधा है। विश्वविद्यालय के अंतर्गत कई कॉलेज और विभाग हैं, जो कुल मिलाकर 79,000 से अधिक सीटें प्रदान करते हैं।
हालांकि, इस साल टीएमबीयू यूजी और पीजी Admission 2025 की प्रक्रिया में देरी ने छात्रों के भविष्य को अनिश्चितता के भंवर में डाल दिया है। विश्वविद्यालय ने अप्रैल 2025 के पहले सप्ताह में नामांकन शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। इसका मुख्य कारण है कि ऑनलाइन नामांकन के लिए आवश्यक कंप्यूटर एजेंसी का चयन अभी तक नहीं हुआ है।
कंप्यूटर एजेंसी की अनिश्चितता: समस्या की जड़
टीएमबीयू में नामांकन प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक विश्वसनीय कंप्यूटर एजेंसी की आवश्यकता होती है, जो ऑनलाइन आवेदन, मेरिट लिस्ट तैयार करने, और सीट आवंटन जैसे कार्यों को संभालती है। लेकिन पिछले साल (2024) की घटना ने इस प्रक्रिया को जटिल बना दिया। पुरानी कंप्यूटर एजेंसी ने भुगतान संबंधी विवाद के कारण बीच सत्र में ही काम छोड़ दिया था, जिसके परिणामस्वरूप पिछले साल का नामांकन आंशिक रूप से ऑनलाइन और आंशिक रूप से ऑफलाइन हुआ। इस स्थिति ने न केवल प्रशासनिक चुनौतियां पैदा कीं, बल्कि छात्रों को भी असुविधा का सामना करना पड़ा।
2024 में पुरानी एजेंसी के काम छोड़ने के बाद, विश्वविद्यालय ने नई एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन छह महीने बीत जाने के बावजूद यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। अप्रैल 2025 के पहले सप्ताह में दो बार कंप्यूटर एजेंसी को डेमो के लिए बुलाया गया, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, इस संबंध में फाइल कुलपति के पास लंबित है, और कोई आधिकारिक शेड्यूल जारी नहीं किया गया है।
इस बीच, डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर (डीएसडब्ल्यू) प्रो. बिजेंद्र कुमार, जो नामांकन प्रक्रिया के प्रमुख संयोजकों में से एक हैं, छुट्टी पर हैं। प्रो. बिजेंद्र ने कहा कि वे छुट्टी से लौटने के बाद कुलपति से चर्चा करेंगे, और इसके बाद ही प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है। लेकिन यह अनिश्चितता छात्रों के लिए एक बड़ा सवाल बनकर उभरी है, क्योंकि बिहार बोर्ड ने इंटरमीडिएट का परिणाम पहले ही जारी कर दिया है, और छात्र स्नातक में नामांकन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
पीजी नामांकन में और देरी की आशंका
TMBU UG and PG Admission 2025 की प्रक्रिया में न केवल स्नातक, बल्कि स्नातकोत्तर स्तर पर भी देरी की आशंका है। पीजी सत्र 2025-27 के लिए नामांकन तब तक शुरू नहीं हो सकता, जब तक स्नातक सत्र 2022-25 के पार्ट थ्री का परिणाम जारी नहीं हो जाता। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, स्नातक पार्ट थ्री की परीक्षा अभी तक आयोजित नहीं की गई है, और छात्र 27 अप्रैल 2025 तक परीक्षा फॉर्म भर रहे हैं। इसके बाद परीक्षा होगी, फिर परिणाम जारी होगा, और तभी पीजी में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
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पीजी बॉटनी विभाग के प्रमुख प्रो. एचके चौरसिया ने बताया कि वर्तमान में सत्र 2023-25 के चौथे सेमेस्टर और सत्र 2024-26 के दूसरे सेमेस्टर की कक्षाएं चल रही हैं। नए सत्र (2025-27) के लिए नामांकन में और देरी होने की संभावना है, क्योंकि स्नातक परिणामों पर पीजी प्रवेश निर्भर करता है। यह स्थिति उन छात्रों के लिए विशेष रूप से निराशाजनक है, जो स्नातक पूरा करने के बाद तुरंत पीजी में दाखिला लेना चाहते हैं।
ऐतिहासिक आंकड़े: आधी सीटें ही भर पाती हैं
टीएमबीयू में नामांकन की समस्या नई नहीं है। 2019 में ऑनलाइन नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद से, विश्वविद्यालय हर साल उपलब्ध सीटों का केवल आधा हिस्सा ही भर पाता है। 2019 से 2022 तक, जब विश्वविद्यालय में लगभग 65,000 सीटें उपलब्ध थीं, तब भी नामांकन औसतन 39,000 से 44,000 के बीच रहा। हाल के वर्षों में सीटों की संख्या बढ़ाकर 81,799 (स्नातक और पीजी मिलाकर) कर दी गई, लेकिन स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ।
यहां कुछ आंकड़े हैं, जो इस समस्या को और स्पष्ट करते हैं:
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2019: 44,000 सीटों पर नामांकन
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2020: 43,000 सीटों पर नामांकन
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2021: 39,000 सीटों पर नामांकन
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2022: 43,000 सीटों पर नामांकन
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2023: 39,500 सीटों पर नामांकन
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2024: 36,000 सीटों पर नामांकन
इन आंकड़ों से पता चलता है कि टीएमबीयू में उपलब्ध सीटों का लगभग 50% हिस्सा हर साल खाली रह जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
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प्रशासनिक देरी: नामांकन प्रक्रिया में बार-बार होने वाली देरी छात्रों का उत्साह कम करती है।
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तकनीकी समस्याएं: ऑनलाइन पोर्टल की खराब कार्यक्षमता और कंप्यूटर एजेंसी की अनुपलब्धता।
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जागरूकता की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को प्रवेश प्रक्रिया की पूरी जानकारी नहीं मिल पाती।
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प्रतिस्पर्धी विकल्प: अन्य विश्वविद्यालयों या निजी संस्थानों में आसान और तेज प्रवेश प्रक्रिया।

राजभवन का आदेश और उसका पालन
बिहार के राज्यपाल, जो विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं, ने स्पष्ट आदेश दिया है कि सभी विश्वविद्यालयों में नामांकन प्रक्रिया ऑनलाइन होनी चाहिए। यह आदेश पारदर्शिता, दक्षता, और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिए दिया गया था। लेकिन टीएमबीयू इस आदेश का पूरी तरह पालन करने में असफल रहा है। पिछले साल कंप्यूटर एजेंसी के काम छोड़ने के बाद, विश्वविद्यालय को ऑफलाइन नामांकन पर निर्भर होना पड़ा, जो न केवल समय लेने वाला था, बल्कि त्रुटियों से भरा हुआ भी था।
ऑनलाइन नामांकन प्रक्रिया के लाभ स्पष्ट हैं:
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पारदर्शिता: मेरिट लिस्ट और सीट आवंटन में मानवीय हस्तक्षेप कम होता है।
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सुविधा: छात्र घर बैठे आवेदन कर सकते हैं, जिससे समय और धन की बचत होती है।
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दक्षता: आवेदनों का प्रबंधन और मेरिट लिस्ट तैयार करना तेजी से होता है।
लेकिन कंप्यूटर एजेंसी के चयन में देरी ने इन लाभों को छात्रों तक पहुंचने से रोक दिया है।
छात्रों पर प्रभाव
TMBU UG and PG Admission 2025 में देरी का सबसे ज्यादा असर उन छात्रों पर पड़ रहा है, जो बिहार बोर्ड के इंटरमीडिएट परिणाम घोषित होने के बाद स्नातक में दाखिला लेने के लिए उत्सुक हैं। कई छात्रों ने अन्य विश्वविद्यालयों में आवेदन करने की योजना बनाई थी, लेकिन टीएमबीयू की किफायती फीस और स्थानीय पहुंच के कारण इसे प्राथमिकता दी। अब, अनिश्चितता के कारण कई छात्र अन्य विकल्पों की तलाश में हैं, जो उनके लिए आर्थिक और मानसिक बोझ बढ़ा सकता है।
पीजी के इच्छुक छात्रों की स्थिति और भी जटिल है। स्नातक पार्ट थ्री के परिणाम में देरी के कारण, वे न तो पीजी में आवेदन कर सकते हैं और न ही अन्य संस्थानों में दाखिला लेने का जोखिम उठा सकते हैं। इससे उनके शैक्षणिक और व्यावसायिक लक्ष्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

संभावित समाधान
टीएमबीयू में 79 हजार सीटों पर नामांकन प्रक्रिया को सुचारू करने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए जा सकते हैं:
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कंप्यूटर एजेंसी का त्वरित चयन:
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विश्वविद्यालय को नई कंप्यूटर एजेंसी के चयन की प्रक्रिया को तुरंत पूरा करना चाहिए। इसके लिए पारदर्शी निविदा प्रक्रिया और समयबद्ध कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए।
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पुरानी एजेंसी के साथ भुगतान विवाद के कारणों का विश्लेषण कर भविष्य में ऐसी समस्याओं को रोका जाना चाहिए।
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ऑनलाइन पोर्टल की मजबूती:
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एक मजबूत और उपयोगकर्ता-अनुकूल ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाना चाहिए, जो तकनीकी खराबी से मुक्त हो।
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ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के लिए हिंदी और अंग्रेजी में द्विभाषी निर्देश उपलब्ध कराए जाएं।
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समयबद्ध शेड्यूल:
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विश्वविद्यालय को नामांकन प्रक्रिया के लिए एक स्पष्ट और समयबद्ध शेड्यूल जारी करना चाहिए। इसमें ऑनलाइन आवेदन, मेरिट लिस्ट, और सीट आवंटन की तारीखें शामिल होनी चाहिए।
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पीजी नामांकन के लिए स्नातक परिणामों को जल्द से जल्द जारी करने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
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जागरूकता अभियान:
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ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में टीएमबीयू के पाठ्यक्रमों और प्रवेश प्रक्रिया के बारे में जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए।
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सोशल मीडिया, स्थानीय समाचार पत्रों, और स्कूलों के माध्यम से जानकारी प्रसारित की जानी चाहिए।
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वैकल्पिक व्यवस्था:
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यदि कंप्यूटर एजेंसी का चयन तुरंत नहीं हो पाता, तो विश्वविद्यालय को ऑफलाइन नामांकन की वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार करना चाहिए, लेकिन इसे पारदर्शी और त्रुटि-मुक्त बनाना होगा।
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विश्वविद्यालय प्रशासन की जवाबदेही
टीएमबीयू प्रशासन को इस स्थिति के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। पिछले छह महीनों में नई कंप्यूटर एजेंसी का चयन न कर पाना एक गंभीर प्रशासनिक चूक है। कुलपति और डीएसडब्ल्यू जैसे प्रमुख अधिकारियों को इस मामले में सक्रियता दिखानी होगी। साथ ही, राजभवन के ऑनलाइन नामांकन के आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
अन्य विश्वविद्यालयों से तुलना
बिहार के अन्य विश्वविद्यालयों, जैसे पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), ने अपनी प्रवेश प्रक्रियाओं को समय पर शुरू किया है। उदाहरण के लिए, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए केंद्रीकृत नामांकन प्रक्रिया की घोषणा की है, जिसमें 1.20 लाख सीटों पर प्रवेश की व्यवस्था की गई है। इसी तरह, बीएचयू ने सीयूईटी यूजी के आधार पर अपनी प्रवेश प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया है।
टीएमबीयू को इन विश्वविद्यालयों से प्रेरणा लेकर अपनी प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाना चाहिए। विशेष रूप से, सीयूईटी जैसे केंद्रीकृत प्रवेश परीक्षा प्रणाली को अपनाने पर विचार किया जा सकता है, जो न केवल प्रक्रिया को तेज करेगी, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को भी बढ़ाएगी।
छात्रों के लिए सलाह
TMBU UG and PG Admission 2025 की प्रतीक्षा कर रहे छात्रों के लिए कुछ सुझाव:
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नवीनतम अपडेट्स की जांच करें: विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट (tmbuniv.ac.in) और स्थानीय समाचार पत्रों पर नियमित रूप से अपडेट्स देखें।
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वैकल्पिक विकल्प तलाशें: यदि देरी लंबी होती है, तो अन्य विश्वविद्यालयों या ऑनलाइन पाठ्यक्रमों पर विचार करें।
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दस्तावेज तैयार रखें: मैट्रिक, इंटर, और स्नातक (पीजी के लिए) के प्रमाण पत्र, मार्कशीट, और अन्य आवश्यक दस्तावेज तैयार रखें।
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संपर्क बनाए रखें: विश्वविद्यालय के प्रवेश कार्यालय या डीएसडब्ल्यू से संपर्क में रहें ताकि कोई भी नई जानकारी तुरंत मिल सके।
निष्कर्ष
TMBU UG and PG Admission 2025 की प्रक्रिया में देरी एक गंभीर मुद्दा है, जो हजारों छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर रहा है। कंप्यूटर एजेंसी के चयन में देरी, प्रशासनिक ढिलाई, और स्नातक परिणामों में विलंब इस समस्या के प्रमुख कारण हैं। विश्वविद्यालय को तुरंत इस दिशा में कदम उठाने चाहिए, ताकि 79 हजार सीटों पर नामांकन प्रक्रिया समय पर शुरू हो सके।
छात्रों और अभिभावकों को भी धैर्य रखते हुए सक्रिय रहना होगा। टीएमबीयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ाई का अवसर कई छात्रों के लिए सपना होता है, और इस सपने को साकार करने के लिए विश्वविद्यालय और छात्रों को मिलकर प्रयास करना होगा। आशा है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान होगा, और TMBU UG and PG Admission 2025 की प्रक्रिया सुचारू रूप से शुरू हो सकेगी।