Indian Armed Forces : Understanding the Difference Between Permanent and Short Service Commission
आर्मी में क्या है शॉर्ट सर्विस और परमानेंट कमीशन, दोनों में अंतर जानें
परिचय:
Indian Armed Forces में ऑफिसर रैंक पर भर्ती होना हजारों युवाओं का सपना है। सेना में ऑफिसर बनना शानदार करियर तो है ही, साथ में यह प्रतिष्ठा और सम्मान का भी विषय भी होता है।
ऑफिसर रैंक पर भर्ती की बात होती है तो दो टर्म जरूर सुनने को मिलते हैं- परमानेंट कमीशन और शॉर्ट सर्विस कमीशन। क्या आपको पता है कि सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन और परमानेंट कमीशन क्या होता है? दोनों के बीच क्या अंतर है और कितने साल की सर्विस होती है? आइए जानते हैं विस्तार से…
Permanent Commission:
भारतीय सेना में परमानेंट कमीशन पाना मतलब कि रिटायरमेंट की उम्र तक की सर्विस। सेना में रिटायरमेंट की उम्र ऑफिसर रैंक पर निर्भर करती है। परमानेंट कमीशन के लिए नेशनल डिफेंस एकेडमी पुणे, इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून और ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी गया में ट्रेनिंग कोर्स करना पड़ता है। सेना में परमानेंट कमीशन पाने वाला ऑफिसर बनने के लिए भर्ती परीक्षाएं इस प्रकार हैं-
- एनडीए परीक्षा
- सीडीएस परीक्षा
- यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम
- टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स
- आर्मी एजुकेशन कॉर्न्स (ACE)
- टेक्निकल एंट्री स्कीम (TES)
NDA EXAM
एनडीए प्रवेश परीक्षा के लिए 12वीं में पढ़ने वाले या पास कर चुके युवा अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए उम्र सीमा 16.5 साल से 19.5 साल है. एनडीए प्रवेश परीक्षा में लिखित परीक्षा का आयोजन संघ लोक सेवा आयोग करता है. इसके बाद 5 दिन चलने वाला इंटरव्यू सर्विस सेलेक्शन बोर्ड आयोजित करता है. एनडीए प्रवेश परीक्षा पास करके आर्मी, एयरफोर्स और नेवल एकेडमी में से कोई भी ज्वाइन किया जा सकता है. नेशनल डिफेंस एकेडी में तीन साल ट्रेनिंग के बाद सेना में ऑफिसर रैंक पर कमीशन मिलता है. साथ में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से बीएससी/बीएससी कंप्यूटर साइंस /बीए की डिग्री भी मिलती है. एनडीए प्रवेश परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाती है.
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CDS EXAM
सीडीएस यानी कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज प्रवेश एंट्रेंस एग्जाम के लिए ग्रेजुएट या ग्रेजुएशन फाइनल ईयर का स्टूडेंट होना चाहिए. इसके लिए उम्र सीमा 19 से 25 साल है. इसकी भी लिखित परीक्षा यूपीएससी लेता है और इंटरव्यू सर्विस सेलेक्शन बोर्ड आयोजित करता है. सीडीएस क्वॉलिफाई करके इंडियन मिलिट्री एकेडमी ज्वाइन करने का मौका मिलता है. सीडीएस एंट्रेंस एग्जाम भी साल में दो बार होता है.
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यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम
यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम में वे कैंडिडेट शामिल सकते हैं जो बीई, बीटेक के बाद इंडियन आर्मी या नेवी में जाना चाहते हैं. इसमें सिर्फ एसएसबी इंटरव्यू होता है. बीई या बीटेक के फाइनल ईयर स्टूडेंट यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम के जरिए सेना में शामिल हो सकते हैं. यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम से सेलेक्ट होने वालों की ट्रेनिंग आईएमए देहरादून में होती है.
टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स (TGC)
टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स के जरिए इंजीनियरिंग ग्रेजुएट युवा सेना की इंजीनियरिंग कोर में ऑफिसर बन सकते हैं. बीई या बीटेक फाइनल ईयर स्टूडेंट इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं. इसमें एसएसबी इंटरव्यू के लिए सेलेक्शन इंजीनियरिंग में मिले मार्क्स के आधार पर होता है. एसएसबी इंटरव्यू पांच दिन चलता है. सब कुछ पास कर लेने के बाद आईएमए देहरादून में ट्रेनिंग कोर्स होता है. इसके लिए उम्र सीमा 20 – 27 साल है.
आर्मी एजुकेशन कॉर्न्स (AEC, Men)
ग्रेजुएट डिग्री और एमए/एमएससी/एमबीए /एमकॉम जैसी पीजी डिग्री वाले आर्मी एजुकेशन कॉर्ब्स में ऑफिसर रैंक पर भर्ती होने के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इसमें एक साल की ट्रेनिंग आईएमए देहरादून में होती है.
टेक्निकल एंट्री स्कीम 10+2 (TES)’
फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स से 12वीं पास युवा इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं. साथ ही जेईई मेन्स परीक्षा में भी शामिल होना चाहिए. जेईई मेन्स के स्कोर के आधार पर एसएसबी इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है. टीईएस क्वॉलिफाई करने के बाद कुल पांच साल की ट्रेनिंग होती है. इसके लिए उम्र सीमा 16 से 19 साल है.
शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC)
भारतीय सेना में कम वक्त के लिए भी भर्ती होने का विकल्प है. जिसे शॉर्ट सर्विस कमीशन कहते हैं. शॉर्ट सर्विस कमीशन 10 साल की सर्विस होती है. इसके बाद तीन विकल्प मिलते हैं. या तो परमानेंट कमीशन पाने की कोशिश करें, या सर्विस छोड़ें और तीसरा है कि 4 सान का विस्तार मिले. 4 साल का एक्सटेंशन मिलने के बाद कभी भी सर्विस छोड़ी जा सकती है. शॉर्ट सर्विस कमीशन वाला अधिकारी बनने के लिए ये एंट्री स्कीम हैं-
- शॉर्ट सर्विस कमीशन (नॉन टेक्निकल) (SSC Non Tech)
- शॉर्ट सर्विस कमीशन (टेक्निकल) (SSC Tech)
- एनसीसी स्पेशल एंट्री स्कीम एसएससी JAG
एसएससी नॉन टेक्निकल और टेक्निकल
किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएट एसएससी नॉन टेक्निकल के लिए अप्लाई कर सकते हैं. जब कि एसएससी टेक्निकल के लिए इंजीनियरिंग की डिग्री होनी चाहिए. इसके लिए उम्र सीमा 20 से 27 साल है. इसमें यूपीएससी लिखित परीक्षा आयोजित करता है और इंटरव्यू एसएसबी. एसएससी टेक और नॉन टेक के लिए आवेदन साल में दो बार होते हैं- अप्रैल और अक्टूबर महीने में.
एनसीसी स्पेशल एंट्री स्कीम
ग्रेजुएशन के साथ एनसीसी सी सर्टिफिकेट भी है तो एनसीसी स्पेशल एंट्री स्कीम से सेना में अफसर बना जा सकता है. इस स्कीम के जरिए सिर्फ एसएसबी इंटरव्यू होता है. एनसीसी सी सर्टिफिकेट बी ग्रेड के साथ होना चाहिए. इसका भी नोटिफिकेशन साल में दो बार आता है.
एसएससी JAG एंट्री स्कीम
भारतीय सेना की लीगल ब्रांच में भर्ती होने के लिए एसएससी जेएजी एंट्री स्कीम है. इसके लिए कम से कम 55 फीसदी मार्क्स के साथ एलएलबी पास होना चाहिए. साथ ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया में रजिस्ट्रेशन भी जरूरी ही है.
Indian Armed Forces: Frequently Asked Questions (FAQs)
1. परमानेंट कमीशन क्या है?
परमानेंट कमीशन भारतीय सेना में ऑफिसर की पोस्ट पर भर्ती होने का एक विकल्प है जिसमें सेना में रिटायर होने तक की सेवा होती है। इसके लिए विभिन्न प्रकार की परीक्षाएं जैसे एनडीए, सीडीएस, टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स, आर्मी एजुकेशन कॉर्न्स, टेक्निकल एंट्री स्कीम (TES), आदि होती हैं।
2. शॉर्ट सर्विस कमीशन क्या है?
शॉर्ट सर्विस कमीशन एक अल्टरनेटिव ऑप्शन है जिसमें ऑफिसर को कम समय के लिए सेना में सेवा करने का मौका मिलता है। इसमें सामान्यत: 10 साल की सर्विस होती है, जिसके बाद तीन विकल्प हो सकते हैं: परमानेंट कमीशन, सेवा का अंत करना, या 4 साल का एक्सटेंशन प्राप्त करना।
3. परमानेंट कमीशन और शॉर्ट सर्विस कमीशन में क्या अंतर है?
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सेवा की अवधि: परमानेंट कमीशन में सेवा की अवधि सेना में रिटायर होने तक होती है, जबकि शॉर्ट सर्विस कमीशन में सामान्यत: 10 साल की सर्विस होती है।
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प्रवेश परीक्षा: परमानेंट कमीशन के लिए एनडीए, सीडीएस, टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स, आदि होते हैं, जबकि शॉर्ट सर्विस कमीशन के लिए एसएससी नॉन टेक्निकल और टेक्निकल, एनसीसी स्पेशल एंट्री स्कीम, एसएससी JAG एंट्री स्कीम, आदि होते हैं।
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सेवा के बाद के विकल्प: परमानेंट कमीशन वाले ऑफिसर को सेवा के बाद पेंशन मिलती है, जबकि शॉर्ट सर्विस कमीशन वाले ऑफिसर को तीन विकल्प मिलते हैं: परमानेंट कमीशन का प्रयास, सेवा छोड़ना, या 4 साल का एक्सटेंशन प्राप्त करना।
4. विभिन्न प्रकार की परीक्षाएं कौन-कौन सी हैं जो परमानेंट कमीशन के लिए हैं?
- एनडीए परीक्षा
- सीडीएस परीक्षा
- यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम
- टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स (TGC)
- आर्मी एजुकेशन कॉर्न्स (ACE)
- टेक्निकल एंट्री स्कीम (TES)
- एनसीसी स्पेशल एंट्री स्कीम एसएससी JAG
5. विभिन्न प्रकार की परीक्षाएं कौन-कौन सी हैं जो शॉर्ट सर्विस कमीशन के लिए हैं?
- शॉर्ट सर्विस कमीशन (नॉन टेक्निकल) (SSC Non Tech)
- शॉर्ट सर्विस कमीशन (टेक्निकल) (SSC Tech)
- एनसीसी स्पेशल एंट्री स्कीम एसएससी JAG
- एसएससी नॉन टेक्निकल और टेक्निकल
6. शॉर्ट सर्विस कमीशन के बाद क्या विकल्प होते हैं?
शॉर्ट सर्विस कमीशन के बाद, ऑफिसर को तीन विकल्प मिलते हैं:
- परमानेंट कमीशन की कोशिश करना
- सेवा छोड़ना
- 4 साल का एक्सटेंशन प्राप्त करना
7. एसएससी JAG एंट्री स्कीम क्या है?
एसएससी JAG एंट्री स्कीम एक विशेष एंट्री है जिसमें लीगल ब्रांच के ऑफिसरों की भर्ती की जाती है। इसके लिए एसएससी सर्टिफिकेट के साथ कम से कम 55% मार्क्स और एलएलबी पास होना चाहिए।
8. एनसीसी स्पेशल एंट्री स्कीम कैसे शामिल हो सकते हैं?
एनसीसी स्पेशल एंट्री स्कीम में शामिल होने के लिए, आवेदक को एसएसबी इंटरव्यू के लिए योग्यता होनी चाहिए और उनके पास एनसीसी सी सर्टिफिकेट होना चाहिए। इसका नोटिफिकेशन साल में दो बार आता है।
9. एसएससी नॉन टेक्निकल और टेक्निकल के लिए आवेदन कैसे कर सकते हैं?
किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएट व्यक्ति एसएससी नॉन टेक्निकल के लिए आवेदन कर सकते हैं, जबकि एसएससी टेक्निकल के लिए इंजीनियरिंग की डिग्री होनी चाहिए। आवेदन साल में दो बार होते हैं – अप्रैल और अक्टूबर महीने में।
10. टेक्निकल एंट्री स्कीम (TES) क्या है?
फिजिक्स, केमिस्ट्री, और मैथमेटिक्स से 12वीं पास युवा इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। साथ ही जेईई मेन्स परीक्षा में भी शामिल होना चाहिए। टीईएस क्वॉलिफाई करने के बाद कुल पांच साल की ट्रेनिंग होती है और उम्र सीमा 16 से 19 साल है।