INS Imphal : नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ता हुआ भारतीय नौसेना
भूमिका
हिंद महासागर की लहरों में चीन की बढ़ती गुस्सा और दुर्बलता के बीच, भारतीय नौसेना ने एक नया कदम उठाया है। INS इंफाल, जो ब्रह्मोस मिसाइलों और बराक एंटीएयरक्राफ्ट मिसाइलों से सजीव है, हिंद महासागर को भारत की सुरक्षा की दृष्टि से मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त करता है।
INS Imphal वॉरशिप की विशेषताएँ
इस नए वॉरशिप का निर्माण मुंबई डॉकयार्ड में हुआ है और इसने भारतीय समुद्री शक्ति को नई ऊचाइयों तक पहुंचाया है। इसमें शामिल हैं:
- 8 बराक मिसाइल और 16 ब्रह्मोस एंटीशिप मिसाइल: सतह से सतह तक मार करने की क्षमता से लैस, इंफाल ने अपनी ताकत को और बढ़ाया है।
- सर्विलांस रडार और रैपिड माउंट गन: नवाचारी तकनीक से लैस इंफाल में हैं विशेष रडार और गन, जो युद्ध स्थितियों में नौसेना को आगे बढ़ने में मदद करते हैं।
- आपूर्ति और निर्माण में स्वदेशी: INS इंफाल का 75% हिस्सा स्वदेशी स्टील से बना है, जो नौसेना की आत्मनिर्भरता को प्रमोट करता है।
राष्ट्रपति की मंजूरी और युद्धपोत की तैयारी
इंफाल नौसेना के पश्चिमी कमान में शामिल होगा, और इसका नाम नॉर्थ ईस्ट के एक शहर पर रखा गया है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद, इस वॉरशिप को 20 अक्टूबर 2023 को नौसेना को सौंपा गया था, जिससे यह सबसे तेजी से तैयार हुआ वॉरशिप बन गया।
INS Imphal Important Details :
पैरामीटर | INS Imphal वॉरशिप |
---|---|
ऊचाई | 57 फीट |
लंबाई | 535 फीट |
वजन | 7400 टन |
रफ्तार | 56 किलोमीटर प्रति घंटा |
समुद्र में रहने की क्षमता | 42 दिन |
नौसैनिकों की संख्या | 300 |
मिसाइलें | 32 बराक 8 मिसाइल, 16 ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइल |
टॉरपीडो ट्यूब्स | 04 |
एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स | 02 |
हेलीकॉप्टर तैनात | 02 ध्रुव और सी किंग |
स्टेट ऑफ द आर्ट सेंसर | हाँ (युद्धपोत में लगे हैं) |
निर्माण में स्वदेशी अंश | 75% (स्वदेशी स्टील DMR 249A का उपयोग) |
पहला समुद्री परीक्षण | 28 अप्रैल 2023 |
डिलीवरी | 20 अक्टूबर 2023 |
Indian Navy Offiial Website | https://indiannavy.nic.in/ |
इस तालिका में INS इंफाल वॉरशिप की मुख्य विवरणों की जानकारी है, जो इस शक्तिशाली नौसेना वाहन की तकनीकी और योजना संरचना को समझने में मदद करेगी।
भविष्य की दिशा
नौसेना के पास इस समय 132 जंगी जहाज हैं, जिनमें 67 जहाज पूरी तरह से तैयार नहीं हैं। प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने घोषणा की है कि 2035 तक नौसेना के पास 170-175 जंगी जहाज होंगे, जो देश की समुद्री सुरक्षा में मदद करेंगे।
INS इंफाल ने दिखाया है कि भारत नौसेना अपनी ताकतों को मजबूती से बढ़ा रही है और देश की सुरक्षा में योगदान कर रही है। इस नए वॉरशिप ने भारत को हिंद महासागर में एक मजबूत प्रतिष्ठान दिलाने का कारगर प्रमाण प्रस्तुत किया है।
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) – INS इंफाल वॉरशिप:
1. INS इंफाल क्या है?
- INS इंफाल एक शक्तिशाली वॉरशिप है जो भारतीय नौसेना के लिए तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य भारत के समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में योगदान करना है।
2. INS इंफाल की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- इंफाल में 8 बराक और 16 ब्रह्मोस मिसाइल, सर्विलांस रडार, एंटी सबमरीन टॉरपीडो, और उच्च-तकनीकी सेंसर्स शामिल हैं।
3. इंफाल की निर्माण कब और कहाँ हुई थी?
- इंफाल का निर्माण मुंबई डॉकयार्ड में मजगांव डॉकशिप बिल्डर्स लिमिटेड (MDL) द्वारा किया गया था और इसे 20 अक्टूबर 2023 को भारतीय नौसेना को सौंपा गया था।
4. INS इंफाल की प्रमुख क्षमताएँ क्या हैं?
- इंफाल की ऊचाई 57 फीट, रफ्तार 56 किलोमीटर प्रति घंटा, और समुद्र में 42 दिन रहने की क्षमता है।
5. इंफाल का उपयोग किस तरह से किया जा सकता है?
- इंफाल विमान, हेलीकॉप्टर, मिसाइलें, और अन्य हाइ-टेक सुरक्षा उपकरणों के साथ युद्धपोत के लिए तैयार है।
6. INS इंफाल की डिलीवरी कब हुई थी?
- INS इंफाल का पहला समुद्री परीक्षण 28 अप्रैल 2023 को हुआ था और इसकी डिलीवरी 20 अक्टूबर 2023 को हुई थी।
7. इंफाल वॉरशिप में कौन-कौन से मिसाइलें हैं?
- इंफाल में 32 बराक 8 मिसाइल और 16 ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइलें हैं, जो उच्च गति और सटीकता के साथ शत्रु जहाजों को प्रभावी तरीके से नष्ट करने की क्षमता रखती हैं।
8. INS इंफाल के निर्माण में कौन-कौन से स्वदेशी अंश शामिल हैं?
- इंफाल के निर्माण में 75% स्वदेशी स्टील DMR 249A का उपयोग किया गया है, जो भारतीय स्टील उद्योग को बढ़ावा देता है।
9. भारतीय नौसेना में INS इंफाल का योगदान क्या है?
- INS इंफाल भारतीय नौसेना की पश्चिमी कमान में शामिल होगा और इसका उपयोग समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और विभिन्न युद्ध परिस्थितियों में साहायक के लिए किया जाएगा।
10. भारतीय नौसेना के पास और कितने जंगी जहाज हैं? – फिलहाल, भारतीय नौसेना के पास 132 जंगी जहाज हैं, जिनमें से 67 जहाज अभी पूरी तरह तैयार नहीं हैं। नौसेना का लक्ष्य है 2035 तक 170-175 जंगी जहाजों का बेड़ा तैयार करना है।